July 26

जलन !

औरों के प्रति जलन
खुद आपको जलाती है !
आपके खुशनुमा
जिंदगी को
नर्क बनाती है !!

हासिल कुछ भी
नहीं होगा
जलन से तुम्हारे !
नदी के बहाव को
क्या रोक पाएंगे
उलटे थंब तुम्हारे !!

हमने देखा है
लोगों को
औरो के खुशियों
पे जलते हुए !

खुशियां उनकी भी
कोई कम ना थी !
जिंदगी में उनके
कोई गम ना थी !!

गम थी तो उन्हें
औरों के तरक्की का !
इसी गम में वो
ता उम्र सुलगते रहे !
अपने ही जिंदगी को
घुन लगाते रहे वो !!

अनेको बिमारियों को
गले लगाते गए वो !
इलाज बिमारिओं का
कराते रहे वो !
फिर भी जलन की आग
अंदर सुलगाते रहे वो !!

जिसे जो पाना था
पाते गए वो !
पर जलने वाले वो
रफ्ता रफ्ता मौत को
करीब बुलाते गए वो !!

– Written by Anil Sinha


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Posted July 26, 2020 by anilsinha in category "Poems

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