August 11

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  • क्या हैं मेरे दिल की बातें ?anilsinha
    मैं एक इंजिनियर ऊँचे पदपर कार्यरत थापर मेरे अंदर एक लेखक भी जिन्दा था ! लगता था कलकारख़ाने के कलपुर्जे से लेकरपेड पौधे तथा जानवर जो भी आसपास था मेरेअपने अपने ...
  • नारी का सम्मान करो !anilsinha
    कौन हैं नारी पहले समझोफिर उसका सम्मान करो ! नारी जननी हैं नारी माता हैंझुक कर उसे प्रणाम करो ! नारी रूप हैं बहना काबहना के प्यार उसके राखी का सम्मान करो ...
  • मैं शेर का बच्चा !anilsinha
    आंख खुली धरती पर मेरी जब !खुद को राजवंश में पाया !देख पिता का रौब मैं मन ही मन हर्षाया !! ये आशीर्वाद प्रभु का हैं !जो जन्म हुआ हैं मेरा ...
  • आश्रित !anilsinha
    कितना दुखदायी होता हैंकिसी के आश्रित जब कोई हो जाता हैं ! जिसके आश्रित हो बीवी बच्चे और पूरा परिवारदुखदायी बहुत ही होता हैं जब  खुदआश्रित हो जाता हैं ! साख फैलाये ...
  • मैं पौधा – सेवा जीवन से अंत तक !anilsinha
    हम पौधेजीते हैं जीवनमानवजाति के लिये ! बचपन से मरने तक और उससे भी आगेहम समर्पित होते हैंमानवजाति के लिये ! कसम जो हमने खाई हैंहोगा समर्पित हमारा जीवनमानवजाति के लिये ! सांसे ...
  • एक मछली 🙏 कृपया हमें ना मारे !anilsinha
    आप में से कइयों के पास अपना एक्वोरियम होगाउसमे आपने कई सुन्दर सुन्दर मछलियों को रखा होगा ! बड़े  चाओ से बड़े लगन सेउन मछलियों को आपने पाल रखा होगा ! अब ...
  • एक कल्पना की हकीकत !anilsinha
    कल्पना नहीं ये हकीकत हैंये दुनिया बहुत ही खूबसूरत हैं ! ये नदी नाले पहाड़  व पर्बतघनेरे जंगल की छाया में मधुर चिडियो का कलरव हैं ! तरह तरह के वन के ...
  • एक मुर्गे कि बांग !anilsinha
    सुबह सुबह उठकर एक मुर्गे ने ऐसी बांग लगाईकवि जो पास ही टहल रहा था उसे समझ में आईमुर्गे ने अपनी दिल कि ब्यथा बांग लगा बताई ! हम जो होते ...
  • रोजगार !anilsinha
    देश के प्रगति के इंजन का ईंधन हैं रोजगारजितना ईंधन डालेंगे उतना सरपट भागेगी सरकार ! शायद इन बातो से अबतक अनभिज्ञ रही हैं सरकारतभी तो आज करोड़ो युवा शक्ति बैठे ...
  • घर घर कि कहानी !anilsinha
    नई नई परेशानी हर घर कि यही कहानी हैंतिनका तिनका जोड़ रहें जो सबकी भूख मिटानी हैं | टपक टपक कर छत से पानी गरीबी को मुँह चिढ़ा रही हैंतार तार ...
  • दाग़ !anilsinha
    खुद के दाग़ छुपाने को लोग गैरों पे दाग लगाते हैंपाक साफ हैं  दामन बतलाने को रोज इत्र लगाते हैंछुपा सकें जो काले मन को सादे वस्त्र पहनते हैं ! भीड़ ...
  • मै एक फूल !anilsinha
    मुझे गर्व है आपने जीवन पेबेशक ये पल दो पल का है ! नाज मुझे है अपनी सुंदरता पेबेशक़ ये पल दो पल का है ! मै इतराती हू अपनी खुसबू पेबेशक़ ...
  • एक नन्हा सवेरा !anilsinha
    चिड़ियों कि चहचहाने के साथमुर्गे कि बांग लगाने के साथकोयल के मधुर गान के साथजन्म होता है एक नन्हें सवेरा का ! मंदिर के घंटीओ के साथमस्जिद के अजान के साथगुरूद्वारे ...
  • प्रकृति !anilsinha
    क्या कुछ नहीं दिया प्रकृति ने मानवता के हित कोये नदी नाले पहाड़ व पर्वत तथा घनेरे जंगल की छाया जीने की सारी मूलभूत सुविधाओं को देकरप्रकृति ने तो अपना प्रकृति  ...
  • आप बेमिसाल हो !anilsinhaआप बेमिसाल हो !
    आप बेमिसाल होहम सबके लिये मिसाल हो ! मुसीबतों पे ढाल होदुश्मन के लिये तलवार हो ! गरीब की मसीहा होअमीर आप पैदायशी  हो ! राहों पे आपके  फूल बिछे हो छोड़ उन्हें आप ...
  • क्या चाहता है ये दिल ?anilsinha
    यह कविता आदरणीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ...
  • बरसात की एक रात !anilsinha
    वो बात वो रातबरसात की वो रातहरदम याद रहेगी! जिसदिन हमारे जूनूने मोहब्बत कीतक़रीर लिखी गई थी! मोहब्बत करते थेबेइन्तहाँ उनसेपर दरमयां हमारेअमीरी गरीबी की दिवार खड़ी थी! मिन्नतें आरजू, दिल की पेशकशउन्हें ...
  • क्यों मै ऐसा लिखता हूँ ?anilsinha
    सोच रहे होंगे मेरे प्रियबंधु बांधव और शखाक्यों मै ऐसा लिखता हूँ! इस ढलती उम्र के संध्या कल मेभूल भुला कर यौवन की बातेसब जब प्रकृति और धर्म की चर्चा करते ...
  • सतरंगी होली !anilsinha
    होली के दिन हम निकल पड़ेले रंग ग़ुलाल और पिचकारीपर सूने थे राह सभीहर चौंक मिले पुलिस अधिकारी! माइक पे वे बोल रहें थेकोरोना से बचाव के लियेमास्क लगाना और सोशल ...
  • तुम बिन !anilsinha
    रात बीत जाती हैं करवटे बदल बदल केनींद नहीं आती हैं मुझे अब तुम बिन! रात भर डस्ती हैं तन्हाई मुझेआगोश में सिमटे तेरे गेसुवो कि याद आती हैं मुझे! मै जो ...
  • लक्ष्य हमारा लक्ष्य तुम्हाराanilsinha
    कुछ लक्ष्य हमारा हैंकुछ लक्ष्य तुम्हारा हैं! ये वाज़िब हैंहर इंसा का अपना लक्ष्य  अलग हीं होता हैं! पर ऐसा भी कुछ लक्ष्य हैंजो सामूहिक होता हैं! लड़ी लड़ाई हमने पूरे सिद्दत सेलक्ष्य ...
  • बून्द… बून्द !anilsinha
    बून्द बून्द से ही तो गागर भरता हैंऐसे ही कई करोड़ो गागर से सागर भरता हैंझुककर एक एक बून्द को नमन सागर भी करता हैं ! स्वरूप भले ही हो छोटा ...
  • नये वर्ष की नई शपथ !anilsinha
    नये वर्ष के आते हीं हमनेशुभकामनाओ की झड़ी लगाई! कहीं व्हाट्स ऍप और एस ऍम एस तोकहीं हाथ मिलाकर दी बधाई औरकहीं बांटी फूल मिठाई! जख्म अभीतक भरे नहीं थे किले नई ...
  • समय कभी रुकता नहींanilsinha
    ऐ समय क्योँ कभी तू रुकता नहींकरोडो वर्ष से तू चलता हीं रहा हैंक्या कभी तू थकता नहीं! करोडो साथ चले तुम्हारेकुछ दूर चले साथ तुम्हारे! कुछ का साथ समय ने छोड़ाकुछ ...
  • एक पर्व मकरसंक्रन्तिanilsinha
    नये वर्ष का पहला पर्वहम लोहड़ी मकारसंक्रन्ति या पोंगलके रूप में मानते हैं! भले हीं हम भाषा और छेत्र के आधार परअलग अलग तरीके से मानते हैंपर उद्देश्य मूल उसका एकहि ...
  • धुंध !anilsinha
    इस धुंधली धुंध के शाया में जीवन जंजाल के माया मेंनहीं सूझता जीवन पथ हैंकौन सा पथ गर्त को जाता हैंकौन सा पथ मंजिल को जाता हैं! इस धुंधली धुंध के शाया ...
  • मंगल पावन वर्ष !anilsinha
    नये वर्ष की पावन बेला मेंशुभ कामनाओं की झड़ी लगी हैं! कितना मंगलमय ये पावन पल हैंसुभकामनाओं से मोबाइल मेरी भरी पड़ी है! दोस्त और दुश्मन का  कोई भेद नहीं हैंमानो आपस ...
  • इलेक्शन !anilsinha
    अपने राज्य या देश का नेता चुनने को इलेक्शन होता हैं !वो नेता लोगों का भीड़ जुटा उन्हें सब्जबाग दिखाता हैं ! सच जिसे मानकर भोली जनता उन्हें माला पहनाती हैं ...
  • कौन हैं किसका दुश्मन ?anilsinha
    रौशनी का दुश्मन अंधकार होता हैंरौशनी जहाँ होता अंधकार नहीं टिक पाता हैं ! अज्ञान का दुश्मन शिक्षा होता हैंशिक्षा जहाँ आ जाता अज्ञान नहीं टिक पाता हैं ! वैमनष्य का दुश्मन ...
  • अभाव ग्रस्त या तृप्त ?anilsinha
    अभाव ग्रस्त हो या तृप्त हो,मन इसका परिचायक हैं!भाव अगर अभाव का हैं तो जीवन सूना सूना हैं!तृप्त भाव अगर हैं तो जीवन का बगिया खिला हुआ हैं! अभाव का भाव ...
  • पिंजरा !anilsinha
    चाहे जितना सुन्दर हो पिंजराचाहे सोने चांदी के होउनमे रखे हुए पशु पंछी से पूछोक्या कोई उनको भाया  हैं! उनको तो उनके घांस पूस का घोंसलाया पहाड़ का कंदरा हीं प्यारा ...
  • चन्दन का पलना !anilsinha
    चन्दन का पलना रेशम लागे डोरी!पलना डुलाये मैया और गाये लोरी!मैया की गोदी हर बच्चे को पलना लगता हैं!प्यार भरी बाते माता की बच्चे को लोरी  लगता हैं! ममता के छाव ...
  • रोगदायनी माता !anilsinha
    प्रभु ने संसार के लोगों को कई माताओ काशक्तिरूपेण  करवाया हैं!सरस्वती माता विद्या दायनी हैं! लक्ष्मी माता धन दायनी हैं!दुर्गा काली  बल दायनी हैं!सुख दायनी सारी माता हैं! अब एक नयी माता ...
  • युग परिवर्तन !anilsinha
    जैसे रात दिन में, दिन माह में, माह वर्ष मेंपरिवर्तित होता हैं !वैसे ही कई वर्ष -दसको बादये युग परिवर्तित होता हैं ! सतयुग, द्वापर, त्रेता, कलयुग काल चक्र युग के हैंइस ...
  • महान आत्मा हो आप !anilsinha
    कितने योनि से होकर इस मानव शरीर कोधारण कये हो आप महान आत्मा हो आप ! खुद को नहीं जानते पहचानते थे पहले आपतभी तो जाने अनजाने गलत काम करते थे ...
  • जीना एक कला हैं !anilsinha
    करोडो लोग हैं इस दुनियाँ मेंजो जैसे तैसे जी लेते हैंजो भी हैं जैसा भी हैंकिस्मत के नाम पे समझौता कर लेते हैं ! नहीं जानते वो बेचारेकिस्मत के बीज (संस्कार) ...
  • ज़मीर के चंद टुकड़े !anilsinha
    चंद चांदी के सिक्कों के खातिर हमसोने सा ज़मीर का टुकड़ा गिरवी रख देते हैं ! नहीं सोचते पलभर को क्या खोना क्या पाना हैं !जो ज़मीर को गिरवी रखता हैं ...
  • अंतिम सिपाही !anilsinha
    वो परमवीर अपने दस्ते का अंतिम सिपाही थाएक अकेला वो सिपाही सौ सौ को मार चुका था ! खुद वो इतना  घायल था कि लड़ना मुश्किल थाभारत माँ कि आन बचाने ...
  • बचपन !anilsinha
    पचपन के बादबचपन की याद बहुत सताती हैं ! देख खेलते बच्चों कोअपना भी मन ललचाता हैं ! काश बचपना बूढ़ो में भी होताकिसी बाग बगीचे में हम बूढ़े भी खेल रहें ...
  • गद्दार !anilsinha
    जिस माता ने पालपोश कर तुमको बड़ाकियासोचा था माता ने तुम  ऐसा कुछ काम करोगेघर को इज्जत पानी के साथ दो जून का रोटी दोगेपर तुमने तो दुश्मन से हाथ ...
  • शाख से टूटे पत्ते !anilsinha
    शाख से टूटे पत्ते हैं हमअब नहीं अस्तित्व हमारा हैं ! कोई कहता हैं कचड़ा हैं हमकोई हमें जलाता हैं ! कोई कहता था वायु दाताकोई कहता था हरियाली ! टूट के अपने ...
  • भारत माँ के चरणों में 🌹anilsinha
    मैं वीर सिपाही भारत माँ काकतरा कतरा मेरे खून कामाँ के चरणों में समर्पित हैं ! मैं वीर किसान भारत माँ काखेत खलिहान फसल सब मेरेमाँ के चरणों में समर्पित हैं ...
  • अपने सोच को बदलो !anilsinha
    अगर जीवन में कुछ करना हैं हासिल तोअपनी सोच को बदलो ! मरे हुए उन ख़्वाबों कोपहले जिन्दा करलो ! नहीं होगा हमसे ये संभवइस वहम को मन से निकालो ! आज सफल ...
  • ॐ शांति ॐ !anilsinha
    मैं एक पवित्र आत्मा हूँ !बाबा के निर्देश सेयुग परिवर्तन के पुण्य कार्य में लगा हुआ हूँ ! डॉ शिवानी के राजयोग तथा विचार क्रांति ने मेरे जीवन का रुख ही ...
  • कुल दीपक !anilsinha
    इतिहाँस में हमने पढ़ा था कई कुल दीपक के बारे मेंछत्रपति शिवजी  वीर कुवंर राणाप्रताप  जैसे कई कुल दीपक के बारेमेसबने ढेरो काम किये अपने कुल का नाम किये ! वर्तमान ...
  • कोरोना !anilsinha
    कौन हो आप कहाँ से आई होक्यों कर ऐसा कहर बरपाई हो ! पहले भी तुम्हारी बहनेप्लेग और हैजा के नाम से आई थी ! वो भी कई गांव शहर में ऐसा ...
  • साधु संत !anilsinha
    इतने सुन्दर जीवन कासुख का वैभव का मोह त्याग करसाधु संत कोई बनता हैं ! क्या हम ने कभी सोचा हैंक्यों कोई ऐसा करता हैंसारे सुख को छोड़ साधु संत वो ...
  • एक कौवा !anilsinha
    मै तो ऋणी थामध्य आयु कि शांत सुशीलईश्वर भक्त उस नारी का ! चाहे गर्मी बारिश या शीत लहर हो   नहीं क्रम टुटा उसकाहमें भोजन करवाने का ! सिर्फ हमें ही नहींगाय और ...
  • जो बोओगे सो काटोगे !anilsinha
    बहुत ही  तेजी से बढ़ रहें हो आप !पाषाण युग से बढ़कर अणुबम तक आचुके हो आप !! अविष्कार जो भी किये अच्छा किये आप !सुख के साधन ढूंढते ढूंढ़ते दुख ...