July 31

मन का दीप !

अंकित कर अपने अनुभव को 

मन का दीप जलाओ तुम !

हो नहीं सकेगा हमसे

इस डर  को मन से दूर भगाओ तुम !

नहीं असम्भव कुछ दुनिया में 

ये साबित कर दिखलाओ तुम !

ईश्वर ने दी है सारी शक्ति तुमको 

खुद को ये सारी बाते समझाओ तुम !

जो जान गये पहचान गये खुद को 

तो अनहोनी को होनी कर दिखलाओ तुम ! 

क्या चाहते हो ये पूछो अपने दिल से 

चल कर उसी राह पे अपनी मंजिल पाओ तुम !

बस एक बात समझनी है तुम को 

आये हो जिस कार्य को वो कर जाओ तुम !

ईश्वर ही नहीं माँ बाप और राष्ट्र को 

अपने कार्य से सम्मान दिलाओ तुम !

अंकित कर अपने अनुभव को 

मन का दीप जलाओ तुम !

– Written by Anil Sinha


Tags: , , , , ,
Copyright 2024. All rights reserved.

Posted July 31, 2020 by anilsinha in category "Poems

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *