इलेक्शन !
अपने राज्य या देश का नेता चुनने को इलेक्शन होता हैं !
वो नेता लोगों का भीड़ जुटा उन्हें सब्जबाग दिखाता हैं !
सच जिसे मानकर भोली जनता उन्हें माला पहनाती हैं !
नेता बन वो नेता अभिनेता बनजाता हैं !
जो टीवी के परदे पर हीं अब सिर्फ नजर आता हैं !
बाटजोहती भोली जनता को
अगले इलेक्शन में हीं नजर आता हैं !
फिर से मुर्ख बनाता हैं !
ऐसा एक नहीं सारे नेता हीं करते हैं !
असमंजस में होती हैं जनता जब जब इलेक्शन होता हैं !
दगाबाजो कि टोली में से किसी एक को चुनना होता हैं !
ये तो हुई पोलिटिकल इलेक्शन कि बाते जो पांच सालमे होता हैं !
एक इलेक्शन अपना नेता मन भोली आत्मा के समक्ष
रोज लड़ा करता हैं !
झूठे वायदे कर ये मन रोज भोली आत्मा को ठगता हैं !
ठगी हुई वो आत्मा फिर भी मंद मंद मुस्काती हैं !
मानो कहती हो ठगने वाला नहीं किसी को खुद को हीं ठगता हैं!
समझो कोई आत्मा सिगरेट शराब छोड़ने को मनको
समझाती हैं !
नेता मन वादे करता हैं पर नहीं निभाता हैं !
वो किसको ठगता हैं?
कैंसर से पीड़ित हो मन अपने करनी पर पछताता हैं !
आत्मा तो निर्मल अमर हैं ये शरीर रेन बसेरा हैं!
शरीर का दुख तो मन हीं झेलता हैं वो हीं पछताता हैं !
ठगा हुआ सा मन रहजाता हैं !
बदल आत्मा अपनी पार्टी नया सरकार बनाती हैं !!!
— Written by Anil Sinha