November 8

अंतिम सिपाही !

वो परमवीर अपने दस्ते का अंतिम सिपाही था
एक अकेला वो सिपाही सौ सौ को मार चुका था !

खुद वो इतना  घायल था कि लड़ना मुश्किल था
भारत माँ कि आन बचाने को रणभूमि में डटा हुआ था !

तन बेशक उसका घायल था आत्म बल से लड़रहा था !बैकअप दस्ता आने तक दुश्मन को आगे बढ़ने से रोक रहा था !

छुपकर उनके पैदल दस्ते को चुन चुन कर मार रहा था
उस दस्ते के सारे सिपाही को तो मार दिया उसने पर
सामने से एक टैंक गोले बरसाता आया !

उसके बन्दूक के गोली से अब टैंक को रोकना
मुश्किल था, पर रोकना उसे जरुरी था !

तब भारत माँ के जयकार के साथ
टैंक के नीचे जा लेटा था
टैंक को बम से उड़ाया था !

उस परमवीर सिपाही ने वो युद्ध हमें जितवाया था
ये देश उस वीर सेनानी शहीद अब्दुल हामिद के
बलिदान को हरदम याद रखेगा !

नहीं मरा वो सेनानी हर सेनानी के दिल में जज्बा बनकर
हर दम जिन्दा रहेगा !!!

— Written by Anil Sinha


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Posted November 8, 2020 by anilsinha in category "Poems

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