October 28

ॐ शांति ॐ !

मैं एक पवित्र आत्मा हूँ !
बाबा के निर्देश से
युग परिवर्तन के पुण्य कार्य में लगा हुआ हूँ !

डॉ शिवानी के राजयोग तथा विचार क्रांति ने
मेरे जीवन का रुख ही बदला हैं !
खुद को,
बदल कर लोगों को बदलने के कार्य में लगा हुआ हूँ !

उनके मार्ग दर्शन में
इस कलयुगी दुनियाँ को
सतयुगी दुनियाँ बनाने के कार्य में लगा हुआ हूँ !

मैं एक कल्याणकारी कवि हूँ !
अपने कविताओं के माध्यम से
ह्रदय परिवर्तन कर जन जन का
मांसाहारी से शाकाहारी बनाकर 
पशु पकछियों को बचाने के कार्य में लगा हुआ हूँ !

मानव रूप में कुछ दानव भी हैं जग में
नारी का शोषण जो करते हैं
नारी के सम्मान हेतु
उनके  ह्रदय  परिवर्तन के कार्य में लगा हुआ हूँ !

हमारे साधु संत जो जग को जीने का सार बताते हैं
वो ही कही पीट पीट कर डंडो से
तो कही जिन्दा जलाकर मार दिये जाते हैं
ऐसे साधु संतो के जीवन रक्षा के कार्य में लगा हुआ हूँ !

गरीबी तथा बेरोजगारी से परेशान युवाओ को
पैसो का लालच देकर देश के दुश्मन आतंकी बना रहें हैं
रोजगार दिलाकर उन्हें बचाने के कार्य में लगा हुआ हूँ !

सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष आपस में ऐसे तनबैठे हैं
कि तृतीय विश्व युद्ध कि संकट मंडराई हैं
अगर हुई लड़ाई तो नहीं बचेगा कोई
फिर कैसे सतयुग आयेगा
राष्ट्राध्यक्षों को कविता के माध्यम से समझाने के कार्य में लगा हुआ हूँ !

सतयुग के आने से पहले
इस कलयुगी दुनियाँ का अस्तित्वा जरुरी हैं !
कलियुग को सतयुग में बदलने के कार्य में लगा हुआ हूँ !

मैं एक पवित्र आत्मा हूँ !
बाबा के निर्देश से
युग परिवर्तन के पुण्य कार्य में लगा हुआ हूँ !

— Written by Anil Sinha


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Posted October 28, 2020 by anilsinha in category "Poems

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