एक पर्व मकरसंक्रन्ति
नये वर्ष का पहला पर्व
हम लोहड़ी मकारसंक्रन्ति या पोंगल
के रूप में मानते हैं!
भले हीं हम भाषा और छेत्र के आधार पर
अलग अलग तरीके से मानते हैं
पर उद्देश्य मूल उसका एकहि होता हैं!
क़ृषि प्रधान अपना ये देश
जब पहला फसल काटकर खलिहानो में लाता हैं
तो नये साल का नये फसल का ये त्यौहार मनाता हैं!
कोई लकड़ी या पराली जलाकर
उसके फेरे लेकर उसमे धान रावडी
समर्पित कर उसे लोहड़ी के रूप मनाता हैं!
कोई नये धान का चूड़ा तिल और गुड़ का लड्डू
तथा नये चावल दाल और आलू से खिचड़ी पका
इसे तिलसंक्रान्त या खिचड़ी के रूप में मानते हैं!
कोई नये फसल से नया पकवान बना भोग लगा
दीप और आतिस्बाज़ी जला
इसे पोंगल के रूप मानते हैं!
अब कड़ी मेहनत से फुर्सत पाकर
कहीं लोग पतंग उड़ाते हैं!
तो कहीं जलाकट्टु के माध्यम से
अपने साहस का परिचय देते हैं!
ये सारे पर्व हमारे समाज को जोड़ने
तथा संस्कृति और परम्परा को
कायम रखने का एक प्यारा विधा हैं!
और इन्ही में एक विधा का नाम मकरसंक्रान्ति हैं
नये वर्ष का पहला पर्व ये मकरसंक्रान्ति हैं!!
— Written by Anil Sinha