अंतिम सिपाही !
वो परमवीर अपने दस्ते का अंतिम सिपाही था
एक अकेला वो सिपाही सौ सौ को मार चुका था !
खुद वो इतना घायल था कि लड़ना मुश्किल था
भारत माँ कि आन बचाने को रणभूमि में डटा हुआ था !
तन बेशक उसका घायल था आत्म बल से लड़रहा था !बैकअप दस्ता आने तक दुश्मन को आगे बढ़ने से रोक रहा था !
छुपकर उनके पैदल दस्ते को चुन चुन कर मार रहा था
उस दस्ते के सारे सिपाही को तो मार दिया उसने पर
सामने से एक टैंक गोले बरसाता आया !
उसके बन्दूक के गोली से अब टैंक को रोकना
मुश्किल था, पर रोकना उसे जरुरी था !
तब भारत माँ के जयकार के साथ
टैंक के नीचे जा लेटा था
टैंक को बम से उड़ाया था !
उस परमवीर सिपाही ने वो युद्ध हमें जितवाया था
ये देश उस वीर सेनानी शहीद अब्दुल हामिद के
बलिदान को हरदम याद रखेगा !
नहीं मरा वो सेनानी हर सेनानी के दिल में जज्बा बनकर
हर दम जिन्दा रहेगा !!!
— Written by Anil Sinha