गद्दार !
जिस माता ने पालपोश कर तुमको बड़ाकिया
सोचा था माता ने तुम ऐसा कुछ काम करोगे
घर को इज्जत पानी के साथ दो जून का रोटी दोगे
पर तुमने तो दुश्मन से हाथ मिला सबको शर्मसार किया !
कल तक जो माता के आगे शीश झुकाते थे
आज आतंकी की माता कहकर सबने
उसे बदनाम किया !
क्या कसूर उस माता का हैं
जो कल तक परमवीर चक्र सेनानी की बेवा थी
आज देश द्रोही आतंकी की माता का नाम दिया !
वो बेटा जिसके अब्बू ने सोकर टैंक के निचे
दुश्मन का टैंक उड़ाया था आज उसी का बेटा
दुश्मन से हाथ मिलाया था !
बम बारूद बंदूक दुश्मन से लेकर घर में उसे छिपाया था !
एक दिन अचनाक वो सब माँ के नजर में आया था !
उसने ही जाकर थाने में पुलिस को सब बताया था !
पुलिस के आने से पहले वो बेटा घर से भाग चूका था
दुख तो हुआ बहुत ही माता को पर देशद्रोही बेटा के संग
देश भक्त माता का रहना भी मुश्किल था !
दो दिनों के बाद उसे पकड़ कर पुलिस माँ के पास लाई
और पूछा क्या ये आप का बेटा हैं !
माँ बोली एक परमवीर पिता और देश भक्त माता का
बेटा एक गद्दार नहीं हो सकता हैं !
जिस दिन ये अपने गलती पर पछतायेगा और
देशभक्त बनपायेगा
उसी दिन ये मेरा बेटा कहलायेगा !!
— Written by Anil Sinha