October 24

कोरोना !

कौन हो आप कहाँ से आई हो
क्यों कर ऐसा कहर बरपाई हो !

पहले भी तुम्हारी बहने
प्लेग और हैजा के नाम से आई थी !

वो भी कई गांव शहर में ऐसा कहर बरपाई थी
कि कई गांव कस्बे को खाली करवाई थी !

पर तुम तो अपने बहनो से कुछ ज्यादा ही आगे हो
वो तो गांव कस्बो तक ही सिमटी थी
तुमने तो पुरे विश्व  को ही वीरान बनाया हैं !

ट्रैफिक जाम में फसने वाली सड़के भी सूनी हैं
दफ़्तर स्कूल मंदिर मस्जिद सभी बंद पड़े हैं
लाशो के अम्बार लगे हैं
मानो ये दुनियाँ कब्रिस्तान बनी हैं !

कल कारखाने मॉल दुकाने सभी बंद पड़े हैं
रोज कमाने खाने वोलो के बुद्धि मंद पड़े  हैं
क्या मांगे किससे मांगे चौकी चूल्हा सबके बंद पड़े हैं !

गाड़ी घोड़ा रेल तथा हवाई सेवा सभी बंद पड़े  हैं
इनसे जुड़े सारे रोजगार के साधन भी बंद पड़े हैं
बस खुली हैं अगन पेट कि पर रोटी के लाले  हैं !

घर से निकलना ही दूभर हैं लॉक डाउन हैं पूरा
कैसे भी घर से निकला था खाने को दो रोटी
रोटी तो मिली नहीं डंडे खाकर लौटा था !

खाकर डंडे जो उसे हुआ बुखार
धर पकड़ ले गये कोरोना वारियर्स
कोरोना हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था !

कोरोना का ऐसा दहशत फैला था
कि वो और उसके जैसे कई शवों को
लेने कोई परिजन नहीं आया था
उन लावारिस शवों को बुलडोजर ने दफनाया था !

हे कॅरोना एक बात अब  सच सच मुझे बताओ
क्या तुम कोई विषकन्या हो
क्यों दहसत हैं तेरा लोगों में जबकि तू इतनी सुन्दर हो
तभी तो जवान ही नहीं कई बूढ़े भी तुझपे कुर्बान हुए हैं !

तेरा आवाहन करने को मोदीजी के कहने पर
मैंने भी कई बार ताली थाली बजाई और दीप जलाई
पर तू वाइट हाउस में बिजी थी तभी नजर ना आई !

नहीं करना हैं अब तेरा दर्शन मेरे पास ना आना
नहीं तैयार हुआ हैं वैक्सीनेशन पर ये कविता मेरा
तैयार हो चूका हैं
इसे सुना डालूंगा !

मैंने अपनी कविता सुनाकर
बड़े बड़े हॉल खाली करवाया हैं
तू भी दुम दबाकर  भारत से भागेगी
भारत रत्न मिलेगा मुझको
कविता के बल से मैंने कोरोना को भगाया !!!

— Written by Anil Sinha



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Posted October 24, 2020 by anilsinha in category "Poems

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