September 2

आप बेमिसाल हो !

आप बेमिसाल हो
हम सबके लिये मिसाल हो !

मुसीबतों पे ढाल हो
दुश्मन के लिये तलवार हो !

गरीब की मसीहा हो
अमीर आप पैदायशी  हो !

राहों पे आपके  फूल बिछे हो 
छोड़ उन्हें आप काँटों पे चलती  हो !

काँटों को भी आप फूल बताती हो
चलके उन राहो पे आप ये जताती हो !

नहीं असंभव कुछ दुनिया में ये बताती हो
बातो से नहीं खुद संभव करके दिखलाती हो !

घर की रौनक आप ही हो
आप ही  इसकी बाती  हो !

हर हालत में घर को खुशनुमा बनती हो
कैसे जीते है जीवन ये हमें बताती हो !

कभी सोचता हू आप क्या हो?
बच्चों की दुनिया की सबसे अच्छी माँ हो
दुनियाँ  के हर रिश्ते पे आप खरी उतरती हो !

घर पे आये मुसीबतों पे आप दुर्गा लगती हो
जीवन के मूलमंत्र बताने को शरस्वति लगती हो
धनोपार्जन की बात जो हो तो आप लक्ष्मी लगती हो !

अब गर कोई पूछे मुझसे मेरे लिये आप क्या हो
मेरे लिये तो वरदान स्वरुप अल्लादीन का चिराग हो !

आप बेमिसाल हो !!!

— Written by Anil Sinha for her beloved wife Anjali Sinha


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Posted September 2, 2020 by anilsinha in category "Poems

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