July 31

दर्द का एहसास !

दर्द का एहसास जरुरी है 

है सीने  में एक दिल 

ये बतलाना जरुरी है !

है आँखों में नमी 

बहा कर आंसू 

ये बतलाना जरुरी है !

कर रक्षा अबला नारी का 

मर्द है हम 

ये बतलाना जरुरी है !

जिनके हाथ पकड़ बड़े हुए है 

ना छोड़ेंगे उन बूढ़े हाथो को

ये बिश्वास दिलाना जरुरी है !  

जिस धरती पे हमने जन्म लिया है 

उस धरती का हमपे क़र्ज़ बना है 

ये क़र्ज़ चुकाना जरुरी है !

भारत माता के पुत्र सभी हम 

उठकर जाती धर्म के भाव से ऊपर 

रक्त हमारा होगा तुझपे अर्पण 

ये सपथ हमारा जरुरी है !

हर भारत वासी के अंदर 

देश प्रेम की 

ये भावना बहुत जरुरी है !

दर्द का एहसास जरुरी है 

है सीने में एक दिल 

ये बतलाना जरुरी  है !

– Written by Anil Sinha

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July 31

मन का दीप !

अंकित कर अपने अनुभव को 

मन का दीप जलाओ तुम !

हो नहीं सकेगा हमसे

इस डर  को मन से दूर भगाओ तुम !

नहीं असम्भव कुछ दुनिया में 

ये साबित कर दिखलाओ तुम !

ईश्वर ने दी है सारी शक्ति तुमको 

खुद को ये सारी बाते समझाओ तुम !

जो जान गये पहचान गये खुद को 

तो अनहोनी को होनी कर दिखलाओ तुम ! 

क्या चाहते हो ये पूछो अपने दिल से 

चल कर उसी राह पे अपनी मंजिल पाओ तुम !

बस एक बात समझनी है तुम को 

आये हो जिस कार्य को वो कर जाओ तुम !

ईश्वर ही नहीं माँ बाप और राष्ट्र को 

अपने कार्य से सम्मान दिलाओ तुम !

अंकित कर अपने अनुभव को 

मन का दीप जलाओ तुम !

– Written by Anil Sinha

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July 26

जलन !

औरों के प्रति जलन
खुद आपको जलाती है !
आपके खुशनुमा
जिंदगी को
नर्क बनाती है !!

हासिल कुछ भी
नहीं होगा
जलन से तुम्हारे !
नदी के बहाव को
क्या रोक पाएंगे
उलटे थंब तुम्हारे !!

हमने देखा है
लोगों को
औरो के खुशियों
पे जलते हुए !

खुशियां उनकी भी
कोई कम ना थी !
जिंदगी में उनके
कोई गम ना थी !!

गम थी तो उन्हें
औरों के तरक्की का !
इसी गम में वो
ता उम्र सुलगते रहे !
अपने ही जिंदगी को
घुन लगाते रहे वो !!

अनेको बिमारियों को
गले लगाते गए वो !
इलाज बिमारिओं का
कराते रहे वो !
फिर भी जलन की आग
अंदर सुलगाते रहे वो !!

जिसे जो पाना था
पाते गए वो !
पर जलने वाले वो
रफ्ता रफ्ता मौत को
करीब बुलाते गए वो !!

– Written by Anil Sinha