नारी का सम्मान करो !
कौन हैं नारी पहले समझो
फिर उसका सम्मान करो !
नारी जननी हैं नारी माता हैं
झुक कर उसे प्रणाम करो !
नारी रूप हैं बहना का
बहना के प्यार उसके राखी का सम्मान करो !
विधि विधान से वरण किया जिस नारी को
छोड़ आयी जो अपने आंगन को सिर्फ उस नारी को
पत्नी रूप में स्वीकार करो !
पति पत्नी के प्यार स्वरुप
एक नन्ही कलि घर आपके आई
उस नारी को बेटी रूप में स्वीकार करो !
चाहे जिस रूप में हो नारी
हर रूप में ममता स्नेह प्यार के रंगों से
भरा हैं आपके जीवन को
उस नारी का सम्मान करो !
नारी फूल हैं दुनिया के बगिया का उसकी ममता स्नेह व प्यार उसकी सुंदरता हैं
उसके सुंदरता का सम्मान करो !
नारी का सम्मान उस माली का सम्मान हैं
जिसने इस दुनियाँ के बगिया को
सुन्दर फूलो से सजाया हैं
उस रचना कर्ता के रचना का सम्मान करो !
ईश्वर के उस बगिया के हम सब चौकीदार हैं
जीवन में जिस पदपर भी हो
इस चौकीदारी का भी कार्य करो !
तब क्या ये संभव होगा
हम सब चौकीदारों के होते
कोई एक दरिंदा आये
फूल तोड़ हमारे बगिया का उसे मसल कर जाये
अपने प्राण गवां कर भी उसका तुम प्रतिकार करो !
माँ बेटी बहन व पत्नी ये फूल हमारे बगिया के हैं
इन फूलों को जाति धर्म समाज में ना बांटो
ये तो बस सुंदरता हैं बगिया का यही धर्म हैं इनका
इस सुंदरता का सम्मान करो नारी का सम्मान करो !!!
— Written by Anil Sinha