November 15

चंदा मामा !

चंदा मामा
कहाँ हो तुम
गगन अँधेरी रात की
तुम बिन सूनी सूनी हैँ।

जब दिखे
तुम्हे आशमा मे
ईद तीज पर लोगों ने
देख तुम्ह
तोड़े हैँ व्रत अपने।

अनुसन्धान का विषय बने तुम
पुरे विश्व का
पर भारत ने बाज़ी मारी
जब सर्व प्रथम
उसने तुम्हारे दक्षिणी ध्रुव पर
अपनी चंद्रयान 3 उतारी।

सबके लिये
तुम जो भी हो
पर मेरे तुम
एकलौते मामा हो
लेकर अपने आशमा के सारे तारे
कहाँ छुपे हो चंदा मामा।

तब ऊपर से
मामा ने आवाज़ लगाई
जीवन मे
एक पल ऐसा भी आता हैँ जब
हम सबका अस्तित्व
काले घनेरे बादलों मे छुप जाता हैँ।

वैसा हीं एक पल
मेरे साथ भी आया हैँ
और मै अपने अस्तित्व की
लड़ रहा हूँ लड़ाई
निकाल बादलों के ओट से
मै जल्द मुखर हो जाउंगा
अपने भांजे से मिल पाउँगा।।



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Posted November 15, 2024 by anilsinha in category "Poems

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