January 31

समय कभी रुकता नहीं

ऐ समय क्योँ कभी तू रुकता नहीं
करोडो वर्ष से तू चलता हीं रहा हैं
क्या कभी तू थकता नहीं!

करोडो साथ चले तुम्हारे
कुछ दूर चले साथ तुम्हारे!

कुछ का साथ समय ने छोड़ा
कुछ ने साथ समय का छोड़ा!

जो छूट गये सो छूट गये
समय अटक कर राह कभी किसी का देखा नहीं!

समय यही बताता हैं सबको समय लौट कर आता नहीं
जो समय गँवाता हैं वो जग में कुछ बन पाता नहीं!

वहीँ समय का ज्ञान जिसे हो जाता सबकुछ वो पालेता हैं
कीर्तिमान रचता हैं जग में नया इतिहाँस बनाता हैं!

सच मानो तो
ये समय हीं हैं जो रंक को राजा
और राजा को रंक बनाता हैं!

कहते हैं कई साम्राज्य ऐसे भी थे
जहाँ सूरज कभी अस्त नहीं होता था
पर समय के साथ आज वो इतिहाँस के पन्नों पे हैं!

यहाँ तक कि हमारे राम कृष्णा और पैग़म्बर भी
आज हमारे ग्रंथो के शोभा हैं!

ये बातें हमें बताती हैं
दुनियाँ में सबसे बलवान समय  हीं हैं!

तभी तो समय कभी रुकता नहीं
कभी थकता नहीं हैं!!

— Written by Anil Sinha



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Posted January 31, 2021 by anilsinha in category "Poems

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