November 23

रोगदायनी माता !

प्रभु ने संसार के लोगों को कई माताओ का
शक्तिरूपेण  करवाया हैं!
सरस्वती माता विद्या दायनी हैं!

लक्ष्मी माता धन दायनी हैं!
दुर्गा काली  बल दायनी हैं!
सुख दायनी सारी माता हैं!

अब एक नयी माता पभु ने
दिया हैं इस जग को!
देख उन्हें लोगों ने पूछा
कौन हो आप कहाँ से आई हो!
मुस्कुराकर वो बोली
मैं रोग दायनी कोरोना माता हूँ!
एक शमा हूँ मैं कब्रगाह से आई हूँ!

समझ ना आया भोली जनता को
उनको देखन को सबने भीड़ जुटाया!
माँ ने सबको पास बुला उन्हें गले लगाया!
एक थी वो अब अनेक हुई जिसको भी  गले लगाया!

ये करिश्मा देख रहा था एक बुजुर्ग वहाँ पर!
दौड़ा चिल्लाया सबको समझाया!
दूर रहो उस माता से दोस्त यार और भ्राता से!
मास्क लगाओ अपने मुख पे
और रखो दो गज कि सोशल डिस्टेंसिंग!

जब भी कुछ काम करो
हाथो को साबुन से साफ करो!
ये मूल मंत्र हैं इस कोरोना माता से बचने का!
आस पास के लोग नहीं पूरी दुनियाँ ने
उनके  बातो पे अमल किया था!

पर तब तक कोरोना अपना जाल फैला चुकी थी
दुनियाँ में हाहाकार मची थी लाशो कि अम्बार लगी थी!
लोगों ने ना छोडी हिम्मत लड़ी लड़ाई विश्वस्तरीय थी!

डॉक्टर नर्स सिपाही और सफाई कर्मचारी
जान पे खेल इन्होने जन जन की सेवा की
जननायक के आवाहन पर ताली थाली बजा और दीपजला,
पुरे भारतवासी ने इनकी हौसला अफजाई की!

कल कारखाने मौल दुकाने दफ़्तर और स्कूल
सब हो गये बंद!
लोगों ने भी खुद को किया अपने घरों में बंद  और
अगर निकले भी तो मास्क लगा सोशल डिस्टेंसिंग
अपनाई, बारम बार हाथ वो धोये घर कि करी सफाई!

देख हौसला लोगों का कोरोना माता हो गई पस्त!
कभी ना सोचा था आपस में लड़ने वाले लोग
एक जुट हो उससे लड़ पायेंगे, खुद बचेगे
औरो को बचायेंगे!

जब हार  गयी कोरोना मुस्कुराकर बोली!
अक़्लमंद हो तुम सब,उस बुजुर्ग का कहना माना!

वर्ना हमने तो सोचा था कब्रगाह बनेगा
पुरे विश्वा का ठिकाना!
मान गये तुम सबको आता हैं!
रोगदायनी कोरोना माता को हराना!!!

— Written by Anil Sinha



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Posted November 23, 2020 by anilsinha in category "Poems

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