November 11

महान आत्मा हो आप !

कितने योनि से होकर इस मानव शरीर को
धारण कये हो आप महान आत्मा हो आप !

खुद को नहीं जानते पहचानते थे पहले आप
तभी तो जाने अनजाने गलत काम करते थे आप !

पर अब तो खुद को जान गये हो पहचान गये हो आप 
तो ये भी जानो किसी खास मकसद से
इस धरती पर जन्म लिये हो आप !

इस धरती पे आना बड़ा होकर बच्चे पैदा करना
उनका  परवरिश करना और बूढा होकर मर जाना
क्या सिर्फ इसलिए जन्मे हो आप?

नहीं ये परिवार सुख वैभव इसका, ईश्वर की  एक माया हैं !
इनके बीच  रहकर भी निर्लिप्त रह सकते हैं आप !
क्यों कि एक महान आत्मा हो आप !

सांसारिक जीवन में रहकर भी निर्लिप्त भाव से
जीवन सार्थक कर सकते हो आप !

इसके लिये खुद आपको अपना निरिक्षण करना होगा
अपने संसाधन से क्या कर सकते हो कार्य जगत के भलाई का ये निर्णय करलो आप !

अगर नहीं हैं कोई संसाधन तो सेवा भाव ही चुन लो आप !
आस पास पशु पक्षी या लाचार वृद्ध
इनमे कोई चुनलो आप !

इनका ही सेवा से महसूस करोगे महान आत्मा हो आप!
और नहीं तो खुद में ही परिवर्तन करलो आप !

पशु पक्षियों पे दयाभाव रख मांसाहारी से शाकाहारी बनजाओ आप !
जब आप बदलोगे बदलेगा परिवार और संसार आपका !

इस छोटे से बदलाव का कर्णधार हो आप !
एक महान आत्मा हो आप !

ये सच हैं !
खुद चिंतन कर बोलो !

मैं एक महान आत्मा हूँ !
मैं एक खास मकसद से इस दुनियाँ में आया हूँ !
मैं इस कलयुगी दुनियाँ को
सतयुगी दुनियाँ बनाने आया हूँ !

एक महान आत्मा हो आप…….. ॐ शांति  !!!

— Written by Anil Sinha


Tags:
Copyright 2020. All rights reserved.

Posted November 11, 2020 by anilsinha in category "Poems

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *