October 1

रोजगार !

देश के प्रगति के इंजन का ईंधन हैं रोजगार
जितना ईंधन डालेंगे उतना सरपट भागेगी सरकार !

शायद इन बातो से अबतक अनभिज्ञ रही हैं सरकार
तभी तो आज करोड़ो युवा शक्ति बैठे हैं बेकार !

चाहे भीड़ तंत्र जुटानी हो लाठी गोली खानी हो
सबने इनको ही आगे करके अपना मतलब साधा पर ये रहे बेकार !
पर नहीं मुहैया करवा पाये एक छोटा सा रोजगार !

बूढ़े माँ बाप बीमार पड़े हो बच्चे भूखे नंगे हो
एक मात्र कमाने वाला आज वो भी हो  बेरोजगार !

ऐसे ही मजबूर लोगों का फायदा गलत लोग उठाते हैं
चंद पैसो का लालच देकर इनसे गलत काम करवाते हैं !

फिर ये बेरोजगार लाचार बच्चे माओवादी आतंकी कहलाते हैं
और एक दिन इनकाउंंटर में मारे जाते हैं !

क्या देश का प्रधान मंत्री या मुख्य मंत्री हमको ये समझायेगा
किसने इन बच्चों को माओवादी आतंकी बनाया
ना देकर एक छोटी सी नौकरी इन्हे हथियार थमाया !

अगर देश का मुखिया नहीं निकालेगा इस बेरोजगारी का तुरंत कोई समाधान
तो देश कि युवा शक्ति ही शोला बनकर देश के ईट से ईट बजायेगा !
देश कि सृजनात्मक शक्ति ही देश का काल बनजायेगा !

अगर सच्चे मन से सच्चे नीयत से इस बेरोजगारी का देश
ढूंढती हैं समाधान तो राह निकल ही जायेगा !
आज का ये युवा शक्ति ही देश को विश्वा गुरु बनायेगा !

मिलजायेगा जो रोजगार सभी युवा शक्ति को तो
देश के प्रगति को मानो डबल इंजिन लग जायेगा !!

— Written by Anil Sinha


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Posted October 1, 2020 by anilsinha in category "Poems

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